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देश में हर साल 17 नवंबर को राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाया जाता है। 21 वी शताब्दी में भी मिर्गी को लेकर बहुत सारे अंधविश्वास है | जिसे हमे समझने की जरुरत है | आज भी हम अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में देखते है की मिर्गी आने पैर चपल सुंघाते है जो की बिलकुल गलत है |
jagran.com में लिखे एक लेख में यह कहा गया है की अगर समय पर मिर्गी का इलाज कराया गया तो 70 प्रतिशत लोग पूरी तरह ठीक हो जाते है |
मिर्गी को हम अंग्रेजी में Epilepsy कहते है | Epilepsy Foundation India एक राष्ट्रीय स्तर का अभियान है जिसे बहुत बड़े स्तर पर चलाया जाता है जिससे मिर्गी से जुडी सारी बाते बहुतायत तक पहुंचाया जा सके |
About Epilepsy Foundation India
एपिलेप्सी फाउंडेशन इंडिया(Epilepsy Foundation India) एक गैर-लाभकारी (non-profit charitable)संगठन है जो भारत और उनके परिवारों में मिर्गी से पीड़ित लाखों लोगों के कल्याण के लिए समर्पित है। उनकी टीम यह सुनिश्चित करने के लिए हमेशा प्रयास कर रही है कि मिर्गी के जो भी मरीज है अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में भाग ले | वे इन सब चीजों को सुधारने के लिए काम करते है कि समाज में मिर्गी से पीड़ित लोगो को कैसे माना जाता है, स्वीकार किया जाता है और उन्हें महत्व दिया जाता है और इलाज के लिए अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाता है।
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मिर्गी क्या है
मिर्गी एक तरह का न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर (दिमाग का असंतुलित हो जाना)है, जिसमें मरीज के दिमाग में असामान्य तरंगें पैदा होने लगती हैं। दिमाग में कुछ हलचल या गड़बड़ी होने के कारण व्यक्ति को बार-बार दौरे पड़ने लगते हैं। इस दौरान मरीज अक्सर अपना दिमागी संतुलन खो देता है, जिससे उनका शरीर लड़खड़ाने लगता है या जमीन पर गिर जाता है।
मिर्गी के लक्षण
- अचानक गिर जाना |
- मुँह से झाग का आना |
- अचानक लड़खड़ाना |
- आखों के आगे अँधेरा छा जाना |
मिर्गी में सावधानियाँ
- पर्याप्त नींद ले |
- तेज और चमकदार रोशनी से बचे |
- नशीले चीजों का सेवन बिलकुल भी न करे |
- बाइक चलाते समय हेलमेट जरूर पहने |